आवेश-घनत्व $\rho(r)$ के किसी गोलीय-आवेश-वितरण, के अन्दर $N$ समविभव-पृष्ठ, जिनकी विभव है $V _{0}, V _{0}+\Delta V , V _{0}+2 \Delta V , \ldots \ldots V _{0}+ N \Delta V$ $(\Delta V >0)$, आरेखित किये गये हैं और उनकी त्रिज्याऐं क्रमश: $r_{0}, r_{1}, r_{2}, \ldots \ldots \ldots . . r_{N}$ हैं। यदि त्रिज्याओं का अन्तराल, सभी $V _{0}$ तथा $\Delta V$ के मानों के लिये, स्थिर है तब

  • [JEE MAIN 2016]
  • A

    $\rho \left( r \right) = $ अचर

  • B

    $\rho \left( r \right) \propto \frac{1}{{{r^2}}}$

  • C

    $\rho \left( r \right) \propto \frac{1}{r}$

  • D

    $\rho \left( r \right) \propto r$

Similar Questions

यदि किसी क्षेत्र में विभव (वोल्ट में) $V ( x , y , z )=6 xy -y +2 yz ,$ से निर्दिप्ट किया जाये तो बिन्दु $(1,1,0)$ पर विधुत क्षेत्र $(N/C$ में$)$ है :

  • [AIPMT 2015]

मिलिकन की तेल बूँद विधि के एक प्रयोग में $Q$ आवेश की एक तेल बूँद को $2400$ वोल्ट विभवान्तर से दोनों प्लेटों के बीच स्थिर रखा जाता है। इस बूँद की आधी त्रिज्या की एक अन्य बूँद को स्थिर रखने के लिए $600$ वोल्ट विभवान्तर की आवश्यकता होती है। तब इस दूसरी बूँद पर आवेश क्या होगा

किसी बिन्दु पर विद्युत विभव $V =  - 5x + 3y + \sqrt {15} z$ से दिया जाता है। विद्युत क्षेत्र का परिमाण है

मुक्त आकाश में एक बिन्दु पर आवेश $Q$ कूलाम्ब के कारण विभव $Q \times 10^{11}$ वोल्ट है। इस बिन्दु पर विधुतीय क्षेत्र होगा-

  • [AIPMT 2008]

दो समान्तर पट्टिकाओं के बीच की दूरी $5\,mm$ है और इनके बीच $50\,V$ का विभवान्तर है। ${10^{ - 15}}\,kg$ द्रव्यमान और ${10^{ - 11}}\,C$ कूलॉम आवेश वाला एक कण ${10^7}\,m/s$ के वेग से इसमें प्रवेश करता है। इस कण का त्वरण होगा